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परिवार नियोजन के लिए राष्ट्रीय जन स्वास्थ्य प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (रा.ज.स्वा.प्र. एवं अनु. सं.), मुंबई, प्रथम प्रशिक्षण केंद्र है जिसकी स्थापना केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन सन् 1957 में की गई थी। एक केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान होने के नाते, इसका प्रयोजन डॉक्टरों और पराचिकित्सा कार्मिकों के लिए सेवारत प्रशिक्षण संचालित करना है।
पिछले 60 वर्षों में संस्थान ने केंद्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों, जिला स्वास्थ्य अधिकारियों, चिकित्सा अधिकारियों, जिला शिक्षा और मीडिया अधिकारियों, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्रों के प्राचार्यों एवं संकायों तथा पूरे देश से पराचिकित्सा कार्मिकों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। डब्ल्यूएचओ अध्येतावृति से संबंधित कार्यक्रमों को दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र के देशों के अध्येताओं के लिए आरसीएच, लैंगिक मुद्दों, प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस), सुरक्षित मातृत्व, एचआईवी / एड्स; आदि जैसे विषयों पर आयोजित किया जाता है ।
रा.ज.स्वा.प्र. एवं अनु. सं. मुंबई ने ''स्वास्थ्य शिक्षा विशेषज्ञों और पराचिकित्सा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षित स्वास्थ्य जनशक्ति का विकास योजना" के तहत पीएचसी / उप केंद्र में कार्य कर रहे पराचिकित्सा कार्मिकों के लिए 1987 में एक एकवर्षीय स्वास्थ्य शिक्षा डिप्लोमा (अब जिसका नाम बदलकर स्वास्थ्य संवर्धन शिक्षा डिप्लोमा किया गया है) शुरु किया था। ये पाठ्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आईआईपीएस), मुंबई, जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक मानद विश्वविद्यालय है, से संबद्ध है।
एन आर एच एम के शुभारंभ के उपरांत, ऐसे मानव संसाधनों की मांग आने लगी जिन्हें ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य परिचर्या प्रदायगी में बदलते जन स्वास्थ्य की प्रवृत्ति के अनुरूप नई और उपयुक्त प्रौद्योगिकी का व्यावहारिक ज्ञान हो। रा.ज.स्वा.प्र. एवं अनु. सं. ने इस जरूरत को पूरा करने के लिए वर्ष 2007 में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कम्युनिटी हेल्थ केयर अर्थात स्नातकोत्तर सामुदायिक स्वास्थ्य परिचर्या डिप्लोमा (पीजीडीसीएचसी) पाठ्यक्रम शुरू किया। इस पाठ्यक्रम को प्राथमिक आवश्यक स्वास्थ्य परिचर्या और जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुशल मध्य-स्तरीय स्वास्थ्य परिचर्या प्रदाताओं को विकसित करने के लिए परिकल्पित किया गया है। यह पाठ्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आईआईपीएस), मुंबई, जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक मानद विश्वविद्यालय है, से संबद्ध है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के सहयोग से उप-केंद्रों को मजबूत करने और कल्याण केंद्रों का नाम बदलने के लिए मध्य-स्तर के स्वास्थ्य परिचर्या प्रदाताओं का एक पूल विकसित करने के लिए "ब्रिज प्रोग्राम" शुरु किया है। पीजीडीसीएचसी पाठ्य-वस्तु, जिसकी समीक्षा की गई और उसके 10 वर्ष पूरे होने पर उसे संशोधित किया गया था, में ऐसे विषय भी शामिल किए गए हैं जो ब्रिज प्रोग्राम का हिस्सा हैं। पीजीडीसीएचसी पाठ्यक्रम मध्य-स्तर के स्वास्थ्य परिचर्या प्रदाताओं का एक ऐसा पूल सृजित करता है जो एसडीजी 2030 को हासिल करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बेहतर कार्यान्वयन हेतु व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य परिचर्या प्रदान करते हैं।
पाठ्यक्रम के अंत में छात्र निम्नलिखित में सक्षम होंगे -
आयुष, स्वास्थ्य और संबद्ध विज्ञानों, नर्सिंग, सामाजिक कार्य, मनोविज्ञान, सांख्यिकी, गृह विज्ञान, आहार विज्ञान के विषयों में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय (यूजीसी मान्यता प्राप्त) से उपाधि के साथ स्नातक की योग्यता रखने वाले केंद्रीय / राज्य / स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं और गैर सरकारी संगठनों ( जो कम से कम 3 वर्ष पहले पंजीकृत किए गए हों) से पराचिकित्सा कार्मिक जो निम्नलिखित पदों पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं:
सीट आवंटन अनुपात - 1 और 2 के आधारपर 80:20 है।
आयुष, स्वास्थ्य और संबद्ध विज्ञानों, नर्सिंग, सामाजिक कार्य, मनोविज्ञान, सांख्यिकी, गृह विज्ञान, मधुमेह के विषयों में मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय (यूजीसी मान्यता प्राप्त) से स्नातक की डिग्री वाले उम्मीदवार
प्रति बैच छात्रों की संख्या - 30
अवधि : 1 वर्ष।
शिक्षा माध्यम: अंग्रेजी
आयु: आयु 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। अनु.जा./अ.ज.जा. से संबंधित उम्मीदवारों को पांच वर्षों की और अ.पि.व. के उम्मीदवारों को तीन वर्षों की छूट दी जाएगी।
छात्र रा.ज.स्वा.प्र. एवं अनु. सं. द्वारा तैयार की गई लॉग-बुक में केस स्टडी और जांच प्रक्रियाओं को रिकॉर्ड करेंगे।
मूल्यांकन सेमेस्टर ग्रेड प्वाइंट एवरेज (एसजीपीए) और संचयी ग्रेड प्वाइंट एवरेज (सीजीपीए) के आधार पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार सेमेस्टर और विकल्प आधारित क्रेडिट सिस्टम के द्वारा किया जाएगा।
(थ्योरी - 4 क्रेडिट / पेपर और प्रैक्टिकल - 3 क्रेडिट / पेपर + 3 क्रेडिट वाइवा-वोस)
(थ्योरी - 4 क्रेडिट / पेपर और प्रैक्टिकल - 3 क्रेडिट / पेपर + 3 क्रेडिट वाइवा-वोस)
ग्रेड और ग्रेड अंक
गुणवत्ता स्तर | लेटर ग्रेड | संख्यात्म क वैल्यू | अंकों का समतुल्य % |
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अद्वितीय (आउटस्टैंडिंग) | O | 10 | 85-100 |
उत्कृष्ट | A+ | 9 | 75-84.9 |
बहुत अच्छा | A | 8 | 65-74.9 |
अच्छा | B+ | 7 | 55-64.9 |
औसत से ऊपर | B | 6 | 50-54.9 |
औसत | C | 5 | 45-49.9 |
उत्तीर्ण | P | 4 | 40-44.9 |
अनुत्तीर्ण | F+ | 3 | 30-39.9 |
अनुत्तीर्ण | F | 2 | 20-29.9 |
अनुत्तीर्ण | F- | 1 | 0-19.9 |
अनुत्तर/ अनुपस्थित | NA | 0 | -- |
ग्रेड एफ प्राप्त करने वाला छात्र असफल व अनुत्तीर्ण माना जाएगा और उसे परीक्षा में फिर से बैठना होगा।
पीजीडीसीएचसी डिप्लोमा अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आईआईपीएस), मुंबई द्वारा हर साल एक दीक्षांत समारोह में सफल छात्रों को प्रदान किया जाता है। जिस छात्र के समग्र प्रदर्शन को सर्वोत्कृष्ट पाया जाता है, उसे आईआईपीएस गोल्ड और सिल्वर मेडल से सम्मानित किया जाता है।
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डॉ. विजय भगत, संयुक्त निदेशक
मुंबई परिसर : 022-23881724 एक्सटेंशन : 604
पनवेल परिसर : 022-274941109 एक्सटेंशन : 102
ईमेल आईडी : vijay[dot]bhagat77[at]gov[dot]in
पाठ्यक्रम सह समन्वयक
श्रीमती आशा खंड़ागले, वरिष्ठ जन स्वास्थ्य परिचारिका
श्रीमती तेजस्विनी मेश्राम, जन स्वास्थ्य पाठ्यक्रम सहायक